सीमेन एनालिसिस
सीमेन एनालिसिस

एडवांस सीमेन एनालिसिस क्या होता है ?

एडवांस सीमेन एनालिसिस में शुक्राणु की संख्या, शुक्राणु की गतिशीलता एवं  शुक्राणु की गुणवत्ता का विस्तार पूर्वक जांच किया जाता है। इसमें शुक्राणु की जांच (वीर्य के सेम्पल) के लिए फेज़ कंट्रास्ट माइक्रोस्कोप का उपयोग किया जाता है l एडवांस सीमेन एनालिसिस उन सभी कारणों का अधिक विश्वसनीय और सटीक मूल्यांकन करता है जो पुरुषो में निःसंतानता की वजह हो सकती है ।

सीमेन एनालिसिस (शुक्राणु की जाँच) में कौन से परीक्षण किए जाते हैं?

सीमेन एनालिसिस (शुक्राणु की जाँच) में निम्नलिखित परीक्षण किए जाते है –

  • शुक्राणु की संख्या
  • शुक्राणु की गतिशीलता
  • शुक्राणु की गुणवत्ता

शुक्राणुओ की गुणवत्ता और कार्यक्षमता जानने के लिए कोई अन्य शुक्राणु जाँच होती है ?

सीमेन एनालिसिस के अलावा शुक्राणुओ की गुणवत्ता और कार्यक्षमता जानने के लिए, कुछ अन्य टेस्ट होते है जैसे –

  1. डी.एफ.आई टेस्ट (डीएनए फ्रेगमेंटेशन इंडेक्स) – यह टेस्ट शुक्राणु की आनुवंशिक क्षमता को जांचने के लिए किया जाता है।
  2. एच.ओ.एस टेस्ट (हाइपो ऑस्मोटिक स्वेलिंग) – जिन शुक्राणुओं में गतिशीलता नहीं है, वह शुक्राणु जीवित है या नहीं यह जानने के लिए एच.ओ.एस टेस्ट किया जाता है।

शुक्राणु की जाँच (स्पर्म टेस्ट) या वीर्य की जाँच में कितना खर्चा आता है ?

सामान्य तौर पर शुक्राणुओं का परिक्षण या सीमेन टेस्ट में 800 से 1000 रूपए का खर्च आता है।

यदि निःसंतान पुरुष या मरीज शुक्राणु की आनुवंशिक क्षमता (डी.एफ.आई टेस्ट) और शुक्राणु जीवित है या नहीं (एच.ओ.एस टेस्ट) का परिक्षण करवाना चाहते है तो खर्च अधिक हो सकता है।

एडवांस सीमेन टेस्ट (वीर्य विश्लेषण) करवाने में कितना समय लगता है ?

शुक्राणु की जाँच या सीमेन एनालिसिस टेस्ट में आमतौर पर लगभग 2 से 3 घंटे लगते हैं। इसकी रिपोर्ट तैयार करने में 3 से 4 घंटे लग सकते हैं। यदि सीमेन सैंपल 4 बजे के बाद दिया जाए तो रिपोर्ट अगले दिन आने की संभावना होती है l

एडवांस सीमन एनालिसिस

शुक्राणुओं की जांच (सीमेन टेस्ट) कहा करवाना चाहिए ?

जिन शहरों में आईवीएफ सेंटर नहीं होते वहा शुक्राणुओं की प्राथमिक जाँच साधारण पैथोलॉजी लेब में हो सकती है l परन्तु एडवांस सीमेन एनालिसिस जाँच, इनफर्टिलिटी क्लिनिक या IVF सेंटर में करवाना चाहिए। क्योंकि IVF सेंटर की एंड्रोलॉजी लैब में आमतौर पर विशेष एम्ब्रियोलॉजी टीम (भ्रूण विशेषज्ञ) और तकनीशियन मौजूद रहते है जिन्हें शुक्राणु की जाँच का अनुभव ज़्यादा होता है l

पैथोलॉजी लेब की तुलना में IVF सेंटर से शुक्राणु की जाँच करवाने में क्या फायदे होते है ?

पैथोलॉजी लेब की तुलना में IVF सेंटर से शुक्राणु की जाँच करवाने के निम्न फायदे होते है –

  1. एन्ड्रोलोजी लैब सिर्फ शुक्राणु की जाँच (सीमेन एनालिसिस) और उसके परिक्षण के लिए विशेषता रखती है।
  2. अन्य पैथोलॉजी लैब की तुलना में यहाँ ज्यादा अनुभवि तकनीशियन मौजूद होते है ।
  3. सीमेन सैंपल (शुक्राणु के नमूनों) को उपयुक्त वातावरण में संग्रहीत करने की आवश्यकता होती है। जिसके लिए लगने वाले उपकरण जैसे की हीटिंग ब्लॉक, इनक्यूबेटर आदि जो शुक्राणुओं को सही तापमान पर रखते हैं यह उपकरण आईवीएफ यूनिट में मौजूद रहते है।
  4. उपयुक्त उपकरणों से शुक्राणुओं का विश्लेषण (परिक्षण) सटीक रूप से हो सकता है l 

एडवांस सीमेन एनालिसिस से पहले किन बातो का ध्यान रखे ?

एडवांस सीमेन एनालिसिस या वीर्य परीक्षण करवाने से पहले दम्पति के बिच इंटर्कोर्स में 3 से 5 दिन का गैप रहे, इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए ।

सीमेन टेस्ट की रिपोर्ट में खराबी आने पर  क्या करना चाहिए ?

इस विडियो के ज़रिये समझें की सीमेन एनालिसिस टेस्ट की रिपोर्ट नार्मल न आने पर मरीज़ को क्या करना चाहिए –